केरल के कोल्लम जिले में स्थापित “कोट्टुनकुलंगारा देवी” के इस मंदिर में पूजा करने का विशेष नियम है। यहां किसी भी पुरुष को मंदिर में प्रवेश की अनुमति तभी दी जाती है, जब वह स्त्री की तरह सोलह गहनों में आ जाए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोई एक या दो अलंकरण करके मंदिर में प्रवेश नहीं करता है, लेकिन पूरे सोलह को सजाने का एक सख्त नियम है।
कई साल पुरानी है सोलह श्रृंगार की यह अनूठी परंपरा
मंदिर में पुरुषों के लिए देवी की पूजा करने का यह अनोखा रिवाज कई सालों से चला आ रहा है। मंदिर में हर साल एक विशेष “चम्याविलक्कू” उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दिन हजारों की संख्या में पुरुष सज-धज कर यहां पहुंचते हैं।