अर्जुन कपूर की ‘कुत्ते’ पहले दिन एक करोड़ भी नहीं कमा पाई

अर्जुन कपूर की ‘कुत्ते’ पहले दिन एक करोड़ भी नहीं कमा पाई

अर्जुन कपूर को अपनी फ़िल्म ‘कुत्ते’ से बहुत उम्मीदें होंगी, खासकर कमाई के लिहाज से. पर इसका पहले दिन का कलेक्शन उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा. शायद इसके पीछे दो बड़ी फिल्मों का इसी हफ्ते रिलीज़ होना भी माना जा सकता है. ‘कुत्ते’ को थलपति विजय की ‘वारिसु’ और अजीत की ‘थुनिवु’ से तगड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है. दोनों 50-50 करोड़ का बिजनेस कर चुकी हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ‘वारिसु’ ने शुक्रवार को 10 करोड़ के कलेक्शन के साथ कुल 57 करोड़ कमा लिए. ‘थुनिवु’ ने 8.50 करोड़ के साथ तीन दिनों में कुल 52 करोड़ जुटा लिए हैं.

ऐसा माना जा रहा था कि अर्जुन कपूर की फ़िल्म कमाई के लिहाज से कुछ बहुत बड़ा करिश्मा नहीं करेगी. पर कम से कम ठीकठाक ओपनिंग तो इसे मिलेगी. लेकिन फ़िल्म पहले दिन भारत में 1 करोड़ भी नहीं कमा सकी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 13 जनवरी को रिलीज़ हुई फ़िल्म ने सिर्फ 75 लाख रुपए की कमाई की. ये कलेक्शन हालिया रिलीज़ बॉलीवुड फ़िल्म ‘ऐन ऐक्शन हीरो’ और ‘हिट-द फर्स्ट केस’ से भी कम है.

इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, तबू, कोंकणा सेन शर्मा, अर्जुन कपूर, कुमुद मिश्रा, शार्दुल भारद्वाज और राधिका मदान जैसे एक्टर्स मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं. इन लोगों के साथ अनुराग कश्यप और आशीष विद्यार्थी भी इस फिल्म का हिस्सा हैं. ‘कुत्ते’ को आसमान भारद्वाज ने डायरेक्ट किया है. आसमान, विशाल भारद्वाज के बेटे हैं. बतौर डायरेक्टर ये उनकी पहली फिल्म है. इस फिल्म की कहानी उन्होंने पिता विशाल भारद्वाज के साथ मिलकर लिखी है. विशाल भारद्वाज ने ही फ़िल्म का म्यूजिक दिया है और लिरिक्स लिखे हैं गुलज़ार ने.

‘कुत्ते’ की कहानी घटती है मुंबई शहर में. तीन अलग-अलग गैंग एक रात करोड़ों की रकम लूटना चाहते हैं. ये रकम एक वैन में भरकर मुंबई से बाहर भेजी जा रही है. इसी रास्ते में ये तीनों गैंग उस वैन को लूट लेना चाहते हैं. इन तीन गैंग में अलग-अलग सोशल बैकग्राउंड के लोग हैं. पुलिसवालों से लेकर आम आदमी और गैंगस्टर्स सब. सबका एक ही प्लान है. मगर उन्हें एक-दूसरे के बारे में नहीं पता. लूट के वक्त ये लोग दूसरे गैंग वालों को देखकर चौंक जाते हैं. एक-दूसरे पर बंदूकें तान दी जाती हैं. मगर फिर समझौता होता है. अब खेल ये है कि वो पैसे किसके हाथ लगते हैं. किसी के हाथ लगते भी हैं कि नहीं! इसके लिए फ़िल्म देख सकते हैं. पर उससे पहले ‘कुत्ते’ लल्लनटॉप पर आया रिव्यू भी देख सकते हैं.

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