इस शहर में एशिया का पहला फ्लाइंग जंक्शन बन रहा, एकदम लंदन रेल जंक्शन जैसा बन जायेगा

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कटनी शहर में देश के सबसे बड़े रेलवे फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। लगभग 2 साल तक चली प्लानिंग के बाद 20 दिसंबर 2020 से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। करीब 1247 करोड़ रुपये के फण्ड से बन रहा कटनी ग्रेड सेपरेटर 676 खंभों के ऊपर टिकेगा।
इस रेलवे फ्लाई ओवर ग्रेड सेपरेटर की टोटल लंबाई 34.09 किलोमीटर रहने वाली है। अभी के हालिया समय में देश में इतना लंबा बायपास और कहीं भी नहीं है। केरल में इडापल्ली के वलरपदम में 4.62 किमी लंबा ब्रिज बना है। ग्रेड सेपरेटर का रखरखाव ऑनलाइन होगा।
यह India’s longest Rail over bridge कहलायेगा
यह देश का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे लंबा रेलवे ब्रिज होने वाला है। इस परियोजना को ‘उड़ता जंक्शन’ (Fly Junction) के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रेड सेपरेटर बिलासपुर जोन के झलवारा से कटनी-सतना रेल मार्ग पर स्थित पटवारा रेलवे स्टेशन के बीच बन रहा है। इससे बिलासपुर की ओर से आने वाली मालगाड़ियों के सतना, इलाहाबाद की ओर जाने में सुविधा हो जाएगी।
कटंगी से मझगवां के बीच अप और डाउन लाइन मिलाकर ग्रेड सेपरेटर बनेगा। 3.5 किलोमीटर की रिटेनिंग वॉल का निर्माण कटंगी, झलवारा, मझगवां और मुड़वारा स्टेशन के पास ही होगा। मझगवां में ग्रेड सेपरेटर इंड प्वाइंट पर न्यू मझगवां के नाम से नया स्टेशन भी बनाये जाने की योजना ह
यहाँ 5 दिशाओं में यात्री ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी
इस रेलवे जंक्शन के बन जाने के बाद यहाँ 5 दिशाओं में यात्री ट्रेनें पटरी पर सफर तय करेंगी। बाकी मालगाड़ी ऊपर के रेलवे फ्लाईओवर पर चलेगी। मतलब बीचे ज़मीं पर यात्री ट्रैन और ऊपर मालगाड़ी चलेगी। इस रेलवे ओवरब्रिज की कुल लंबाई 34.09 किलोमीटर होगी। अप लाइन में लंबाई 16.08 किलोमीटर, तो डाउन लाइन में लंबाई 18.01 किलोमीटर होगी।
इस ब्रिज को कटनी न्यू जंक्शन (Katni New Juntion) के ऊपर से निकालते ही बायपास बनाया जाएगा। ब्रिज के खंभों पर ट्रेन का पड़ने वाला प्रेशर नापने के लिए डिवाइस सेटअप भी लगाया जाना है। ब्रिज के नीचे रेलवे स्टेशन और दूसरी लाइन होगी। पहले ग्रेड सेपरेटर लंबाई 21.5 किमी थी, फिर फाइनल सर्वे के बाद लंबाई को बड़ा कर 24.5 किमी कर दिया गया। अप और डाउन मिलाकर ग्रेड सेपरेटर की लंबाई रेलवे पटरी पर 34.09 किलोमीटर की होने वाली है।
लंदन ने फ्लाई जंक्शन (उड़ता जंक्शन) नाम दिया
आपको बता दें की जहाँ ग्रेड सेपरेटर बनाया जाता है, वहां बहुत सारे रेलमार्ग क्रॉस होते हैं। कटनी में यही स्थिति देखी गई थी। बस इसी कारण कटनी स्टेशन में खड़े-खड़े ही गाड़ियां 20 से 45 मिनट तक लेट हो जाती हैं। इस देरी से बचने के लिए अब रेलवे ग्रेड सेपरेटर जैसा खास प्रोजेक्ट लाया है।
इस प्रोजेक्ट को उड़ता जंक्शन (Udta Junction) के नाम से भी जाना जाता है। सबसे पहला ग्रेड सेपरेटर साल 1897 में लंदन में बनाया गया था। इसको रेल विभाग लंदन ने फ्लाई जंक्शन (उड़ता जंक्शन) नाम दिया गया था। मतलब कटनी जंक्शन अब लंदन जंक्शन (London Fly Junction) बनने वाला है।
यह रेलवे ट्रैक बहुत महत्वपूर्ण भी है। बिलासपुर-कटनी-बीना रेलवे ट्रैक को मालभाड़ा ढुलाई के मामले में भारतीय रेलवे का गोल्डन ट्रैक (Golden Track Of Indian Railway) कहा जाता है। कटनी में सतना, जबलपुर, सिंगरौली, बीना और बिलासपुर मिलाकर पांच दिशाओं से अप और डाउन लाइन में यात्री ट्रेनों के अलावा गुड्स ट्रेनों का आना जाना भी होता है, जिससे यहाँ ट्रैफिक बढ़ जाता है।
इसके चलते मालगाड़ी ट्रेनों को कई घंटे पासिंग नहीं मिल पाती है, जिससे बहुत नुकसान होता है। कटनी ग्रेड सेपरेटर (Katni Grade Saperator) का निर्माण पूरा होने के बाद सिंगरौली और बिलासपुर की तरफ से आने वाली कोयला वाली मालगाड़ी ब्रिज पर चलकर डायरेक्ट बीना की ओर जाएंगी। इसके चलते सभी ट्रेनों को भी आने जाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
India's longest rail over bridge being built in Katni, Madhya Pradesh, it consists of 35 Km Bridge section(14kms UP Line ,21kms Down Line) , goods trains will pass over the station.676 piers.
Work started-2016
Completion-2023
Contractor-L&T
©️ Mohammad Nadeem pic.twitter.com/Wf3yTM8mXW— Sahil P (@Sahilinfra2) December 10, 2021
अब रेलवे में भी डिजिटल काम अपना लिया है। इस ब्रिज (Katni Rail Bridge) का रखरखाव ऑनलाइन होगा। यहाँ सिग्नल भी डिजिटल होंगे। ब्रिज के नीचे स्टेशन और दूसरी लाइन होगी। इस ब्रिज (Railway Bridge) के बन जाने से गुड्स ट्रेन की औसतन रफ्तार रफ्तार 80 किमी प्रति घंटे पहुंच सकती है। करीब सभी गुड्स ट्रेनों को इसी बायपास से क्रॉस करवाया जाएगा। browser for the next time I comment.