पिटती फिल्मों से निर्माताओं का विश्वास डोला, प्रदर्शन की तारीख बढ़ाई

B Editor

लिहाजा वे अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की तारीखों को खिसका रहे हैं। उनके दिलोदिमाग में यह बात बैठ गई है कि फिल्मों का बुरा दौर चल रहा है। हाल में आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा, अक्षय कुमार की राम सेतु और सम्राट पृथ्वीराज चौहान, अजय देवगन की थैंक गाड, रणबीर कपूर की शमशेरा जैसी फिल्में पिट गई। सिर्फ फिल्म निर्माता ही नही,ं बल्कि बड़े-बड़े अभिनेता भी अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की तारीख आगे बढ़ा रहे हैं। ज्यादातर निर्माताओं की कोशिश है कि उनकी फिल्में छह महीने के बाद प्रदर्शित हों। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इनसे फिल्मों की सफलता सुनिश्चित हो जाएगी? क्या फिल्मों की विफलता के पीछे फिलहाल बालीवुड का बुरा वक्त है? या कि फिल्म निर्माण में खोट है? एक निगाह…

हाल में प्रभास और सैफ अली खान अभिनीत फिल्म आदिपुरुष का ट्रेलर जारी हुआ था। इसे बहुत तवज्जो नहीं मिली। इसके बाद इसके प्रदर्शन की तारीख 23 जनवरी 2023 से जून 2023 कर दी गई।सलमान खानकी टाइगर 3 जो ईद पर आने वाली थी, वह अब अगली दिवाली पर रिलीज होगी। सलमान खान की दूसरी फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ जो कि दिसंबर में आने वाली थी, वह अब अगले साल ईद पर आएगी।

इसी तरह कैटरीना कैफ की अगली फिल्म मैरी क्रिसमस की तारीख भी खिसक गई है जो अभी तक तय नहीं है। टाइगर श्राफ की फिल्म गणपत भी अब अगले साल जून में ही आएगी। शाहरुख खान की पठान 2 मार्च 2022 की बजाय 25 जनवरी 2023 को आएगी। आलिया भट्ट और रणवीर सिंह की फिल्म राकी और रानी की प्रेम कहानी 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर आने वाली थी। अब यह भी खिसक गई है।

इससे पहले भी कुछ बड़ी फिल्में निर्माण और रिलीज में काफी वक्त लगने के कारण पिट गर्इं। जैसे बोनी कपूर की तब्बू और संजय कपूर अभिनीत फिल्म प्रेम पांच साल के बाद आई जोकि औंधे मुंह गिर गर्इं। इसी तरह बोनी कपूर की एक और फिल्म श्रीदेवी अभिनीत ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ भी नाकाम रही। आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भी काफी समय से बन रही थी। यह भी विफल रही। आमिर खान अमिताभ बच्चन अभिनित ठग्स आफ हिंदुस्तान का हश्र भी बुरा रहा।

फिल्म निर्माता सूरज बड़जात्या की फिल्म ऊंचाई इस समय दर्शक देख रहे हैं। सूरज ने कहा कि विफल फिल्मों का दौर चल रहा है, यह उन्हें पता है। लेकिन मैंने सोचा कि ऐसे में मेरी फिल्म भी नाकाम रही तो ज्यादा मलाल नहीं होगा। आत्म संतुष्टि और खुशी जरूर होगी कि मैं अपनी पसंदीदा कहानी पर अपने पसंदीदा कलाकारों के साथ फिल्म बना सका। मैंने यह फिल्म पूरे दिल से बनाई और हम सभी ने इसमें बहुत मेहनत की।

कहने का तात्पर्य यह है अगर कोई फिल्म नहीं चलती तो उसकी वजह खराब समय, दर्शकों का खराब मूड, या बालीवुड पर खराब ग्रह दशा नहीं है, बल्कि खराब फिल्मों का निर्माण है। जिसे दर्शक नकार रहे हैं। अगर फिल्म अच्छी होगी तो प्रदर्शन की तारीख आगे करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । क्योंकि आज के ही दौर में संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी, कश्मीर फाइल्स, भूल भुलैया 2 और ऊंचाई सफल हुई हैं। इन फिल्मों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि दौर कोई भी हो फिल्म अगर अच्छी बनी है, तो वह जरूर चलेगी।

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