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फौजी पिता ने अपने इंजीनियर बेटे के साथ मिलकर गांव की एक झोपड़ी में 5 स्टार सुविधा दे दी, देखें

B Editor

इंजीनियर शब्द एक ऐसा शब्द है, जो बड़े-बड़े इनोवेशन को रिप्रेजेंट करता है और फौजी शब्द एक मजबूत व्यक्ति को व्यक्त करता है। जब यह दोनों आपस में मिल जाते हैं, तो सच में एक बहुत बड़ा इनोवेशन होता है।

कहने को तो यह दोनों ही शब्द अलग-अलग होते हैं, फौजियों का काम देश की रक्षा और सुरक्षा से संबंधित होता है, वही इंजीनियर का काम नई-नई खोज करना है, परंतु आज हम एक पिता और बेटे की ऐसी जोड़ी के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने गांव की झोपड़ियों (Cottage) को मॉडर्न तरीके से संजोया है।

बेटा इंजीनियर है और पिता फौजी दोनो ने मिलकर अपनी सूझबूझ से अपने गांव को सर्व सुविधा युक्त यानी फाइव स्टार सुविधाएं से भरपूर बनाया है। उनके इस कार्य की काफी लोग सराहना कर रहे हैं और काफी सारे लोग पर्यटक की तरह इन गांव की झोपड़ियों में अपना समय बिताने आते हैं आइए जानते हैं कौन है वे लोग।

खबर है राजस्थान की
हम बात कर रहे हैं भारत के राज्य राजस्थान (Rajasthan) की जिसके नाम से ही पता चलता है कि यह राजाओं की नगरी है। राजस्थान अपने संस्कृती पहनावे और खाने से प्रसिद्ध है। यह वाकया है राजस्थान राज्य के झुंझुनू (Jhunjhunu) जिले के अंतर्गत आने वाला कस्बा बुडाना (Budana) का है, जहा पर इंजीनियर बेटा और फौजी पिता की जोड़ी ने गांव की झोपड़ियों को फाइव स्टार सुविधाओं से संपन्न बनाया है।

यह गांव एक मॉडर्न गांव की तरह बन गया है। इन झोपड़ियों में हर वो फैसिलिटी मिलेगी, जो एक फाइव स्टार होटल के कमरे में होती है। इस जगह को खेतों के बीचो बीच बनाया गया है, इसके चारों तरफ फलों और सुंदर-सुंदर फूलों के वृक्षों का रोपण किया गया है।

यहां पर आने वाले मेहमानों के लिए चूल्हे पर खाना पकाया जाता है। इस खूबसूरत और सर्व सुविधा युक्त जगह को बनाने में जमील पठान जो वर्ष 2021 में सेना से रिटायर हुए हैं और उनके बेटे जुनैद पठान जोकि एक इंजीनियर (Engineer) है का हाथ है।

खेतों में बनाया एग्रो टूरिज्म
बुडाना गांव जो राजस्थान के झुंझुनू जिला मुख्यालय से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गांव की चर्चा इस समय चारों तरफ है और इसके चर्चा का विषय इस गांव में वह मॉडर्न खेत है जो सर्व सुविधा युक्त बनाया गया है। इस गांव की झोपड़ियों में सभी सुविधाएं मौजूद हैं, जो एक आम व्यक्ति की इच्छा होती है।

आप इस गांव में शहरी और ग्रामीण दोनों ही कल्चर से मिल सकते हैं। लोगों ने इसे एग्रो टूरिज्म भी कहा। यदि आप भी चाहते हैं कि आपके एक या 2 दिन एकदम शांति से और सुकून के माहौल में रहे, तो आप सोचे नहीं सीधे बुडाना चले आए।

चारों तरफ है सुख और शांति का माहौल
इस गांव (Village) में खेतों के बीचो-बीच झोपड़ियों के में तमाम सुविधाएं मिलेंगी। जिसकी आपको जरूरत है और भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर शांति भरे माहौल में आकर आप काफी ज्यादा इंजॉय कर सकेंगे और हो सकता है कि आपका मन वापस जाने का ना हो।

हेरिटेज हवेलियों के लिए प्रसिद्ध झुंझुनू जिले में बहुत जल्द एग्रो टूरिज्म भी अपना स्थान बनाने वाला है। इस जिले के बुढ़ाना गांव का एग्रो टूरिज्म जो जमील पठान का है, एग्रो टूरिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण है। खेतों के बीचो बीच बने चारों तरफ फलदार वृक्षों से घिरी झोपड़ियों शानदार व्यवस्था से सुसज्जित है।

आपदा काल के बाद पर्यटन स्थलों पर हुई पर्यटको की वापसी
एग्रो टूरिज्म के निर्माण के बाद इस समय पर्यटक की कतार लगी हुई है। वर्ष 2021 यानी 1 वर्ष पूर्व ही जमील पठान भारतीय सेना (Indian Army) से रिटायर हुए हैं और उनका बेटा जुनेद पठान एक काबिल इंजीनियर है, दोनों ने मिलकर इस पर्यटक स्थल की शुरुआत की।

आपदा काल के बाद सभी क्षेत्र अपने रफ्तार से आगे बढ़ने शुरू हुए हैं, जिसमें पर्यटक स्थल भी है। निर्माण कार्य के बाद इन झोपड़ियों में करीब 500 से 600 लोग आकर सुकून के कुछ दिन बता कर जा चुके हैं। हर किसी ने उनके इस काम की सराहना की और उन्हें उनके काम में सफल होने की दुआ भी दी।

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