अनाथ मासूम जूठे बर्तन साफ कर गुजारता था जीवन, किस्मत खुली तो पल भर में बन गया करोड़पति

अनाथ मासूम जूठे बर्तन साफ कर गुजारता था जीवन, किस्मत खुली तो पल भर में बन गया करोड़पति

हरिद्वार.किस्मत भी क्या क्या रंग दिखाती है. हरिद्वार के पिरान कलियर में दो वक्त की रोटी के लिए जूठे बर्तन साफ करने वाला एक बच्चा रातों-रात अमीर बन गया. ये कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है. कलियर शरीफ दरगाह के पास एक दुकान में काम करने वाला छोटा बच्चा शाहजेब रातों-रात लखपति बन गया. शाहजेब किसी मोबाइल में गेम को खेलकर लखपति नहीं बना और ना ही उस बच्चे को कोई गड़ा हुआ खजाना मिला है बल्कि सहारनपुर के एक परिवार को अपना खोया हुआ वारिस मिल गया, जिसके नाम लाखों करोड़ों की संपत्ति है.

कलियर शरीफ दरगाह के पास पिछले कुछ सालों से अपना पेट भरने के लिए शाहजेब लोगों के जूठे बर्तन साफ कर रहा था. शाहजेब के पिता और उसकी मां दोनों की मौत हो गई. बगैर माता-पिता के शाहजेब के सामने कई चुनौतियां थी जिसका शाहजेब ने डर से नहीं बल्कि डटकर सामना किया.

मां-बाप हुए अलग
यह कहानी सहारनपुर के थाना नागल के गांव पंडोली की है. पंडोली गांव निवासी नावेद नाम के युवक की शादी यमुनानगर की रहने वाली इमराना से हुई थी. नावेद और इमराना की शादी होने के बाद शाहजेब उनकी जिंदगी में आया. परिवारिक नाराजगी के चलते इमराना अपने पति नावेद और उसके घर वालों से नाराज होकर अपनी मां के घर चली गई थी.

शाहजेब ऐसे हुआ अनाथ
नावेद ने पत्नी इमराना को मनाने का काफी प्रयास किया लेकिन इमराना नहीं मानी और वह अपने बच्चे शाहजेब को लेकर कलियर शरीफ आ गई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इमराना को काफी तलाश किया गया लेकिन वह नहीं मिली. कुछ दिनों बाद नावेद का इंतकाल हो गया. वहीं इमराना भी कोरोना काल के दौरान काल के गाल में समा गई. शाहजेब के सिर से अब्बू और अम्मी का साया हटने से वह बेसहारा हो गया, लेकिन फिर भी शाहजेब ने हिम्मत नहीं हारी.

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