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Ratan Tata Biodata: जानिए रतन टाटा ने पहली नौकरी के लिए कैसे बनाया था Resume? बहुत दिलचस्प है किस्सा

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Ratan Tata Biodata:
Ratan Tata Biodata:

1962 में मिली थी पहली नौकरी
अपना बायोडाटा शेयर करने के बाद Ratan Tata को 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी मिल गई और नौकरी मिलने के लगभग तीन दशक बाद, 1991 में जेआरडी टाटा के निधन के बाद Ratan Tata ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला. Ratan Tata भारत के सबसे प्रसिद्ध अरबपतियों में से एक हैं. ज्यादातर लोग  Ratan Tata Biodata को टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में जानते हैं जिन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि Ratan Tata एक आईटी फर्म में नौकरी करना चाहते थे और खुद जेआरडी टाटा ने उन्हें टाटा ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा था.

एक पुराने वीडियो में जो अब फिर से इंटरनेट पर सामने आया है,Ratan Tata ने खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने टाटा समूह में नौकरी पाने के लिए अपना सीवी बनाया. जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि Ratan Tata ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है और वह अमेरिकी जीवनशैली से इतने प्रभावित थे कि वह लॉस एंजिल्स में बसने के लिए तैयार थे. हालाँकि, अपनी दादी की तबीयत खराब होने के बाद टाटा को भारत वापस आने के लिए मजबूर होना पड़ा

अमेरिका में होना चाहते थे सेटल

रतन टाटा ने अमेरिका से पढ़ाई की है। वह अमेरिका में ही सेटल होना चाहते थे। लेकिन दादी लेडी नवजबाई की बीमारी के कारण वह भारत लौट आए। लेकिन भारत आने के बाद रतन टाटा ने अपनी पहली नौकरी टाटा ग्रुप में नहीं की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा ने भारत आकर आईबीएम में नौकरी करनी शुरू कर दी। इसकी उनके परिवार में किसी को कानों कान खबर नहीं लगी।

जेआरडी टाटा हुए नाराज

बताया जाता है कि जब यह खबर टाटा ग्रुप के प्रमुख जेआरडी टाटा को पता चली तो वह नाराज हो गए। उन्होंने रतन टाटा को एक खास संदेश भेजा। यह संदेश मिलने के बाद टाटा ग्रुप में नौकरी पाने के लिए रतन टाटा को अपना बायोडाटा जेआरडी टाटा के साथ साझा करना था, लेकिन उस वक्त उनके पास अपना बायोडाटा नहीं था।

इसके बाद रतन टाटा ने उस समय आईबीएम कार्यालय में एक इलेक्ट्रिक टाइपराइटर पर टाटा समूह में नौकरी पाने के लिए अपना बायोडाटा बनाया था। रतन टाटा को अपना बायोडाटा शेयर करने के बाद साल 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी मिल गई थी।

 

करने पड़े सभी काम

रतन टाटा परिवार के सदस्य थे, लेकिन उन्हें वहां पर हर काम करना पड़ा। रतन टाटा ने सभी अहम काम सीखे और उसके बाद टाटा ग्रुप के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। साल 1991 में जेआरडी टाटा के निधन के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला था।

रतन टाटा भारत के सबसे प्रसिद्ध अरबपतियों में से एक हैं। अभी ज्यादातर लोग रतन टाटा को टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में जानते हैं जिन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि रतन टाटा एक आईटी फर्म में नौकरी करना चाहते थे और खुद जेआरडी टाटा ने उन्हें टाटा ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा था।

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