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आज ही इस तस्वीर को घर में लगाए और चमकाए अपना भाग्य| जानिए क्या क्या लाभ होते है

B Editor

दोस्तों हम अपनी पुरानी यादों को ताजा रखने के लिए हमेशा घर की दीवारों पर फोटो और तस्वीरें लगाते हैं। जब हम अपनी पसंदीदा तस्वीर या फोटो देखते हैं तो मन को शांति और संतोष मिलता है लेकिन, आप जानते हैं, ये तस्वीरें न केवल हमारे मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं बल्कि हमारे जीवन को भी कई तरह से प्रभावित करती हैं।

हमारे वास्तुशास्त्र में घर के अलग-अलग हिस्सों में लगे चित्रों और उसके प्रभावों पर विशेष जोर दिया गया है आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के कुछ ऐसे नियम जो हमारे घर की तस्वीरों को मिलाकर हमारे जीवन को मौलिक रूप से बदल देते हैं। पूर्व दिशा भगवान सूर्य की दिशा है। इस दिशा में उगते सूरज की तस्वीर लगाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और परिवार के सदस्य काम में प्रगति करते हैं।

उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है। इस दिशा में लक्ष्मी, भगवान गणेश या कुबेर का चित्र लगाना चाहिए। इससे घर की सुख-समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा अगर आप बेडरूम की दक्षिण-पश्चिम दीवार पर राधा कृष्ण की तस्वीर लगाते हैं, तो इससे जोड़ों के बीच प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहता है।

वास्तु के अनुसार फैमिली फोटो लगाने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। इस दिशा में फैमिली फोटो लगाने से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सहयोग और प्यार बढ़ता है। साथ ही घर के मंदिर में कभी भी पितरों का फोटो नहीं लगाना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छी जगह घर की दक्षिण दिशा की दीवार है।

यदि फोटो या पेंटिंग से नदी या समुद्र का दृश्य दिखाई देता है तो उसे उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए और अगर चित्र में आग से संबंधित कोई दृश्य या स्थान है तो उसे दक्षिण दिशा में ही लगाना चाहिए। किसी भी पेड़ या पौधे की तस्वीर हमेशा घर के उत्तर या पूर्व दिशा में लगानी चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।

इस प्रकार यदि आप भी वास्तुशास्त्र के अनुसार इन चित्रों को घर के अलग-अलग हिस्सों में लगाते हैं, तो इसके विशेष प्रभाव आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाते हैं और आपके जीवन को सुखी और शांतिपूर्ण बनाते हैं। तो अगर आप भी अपने घर में सुख-शांति बनाए रखना चाहते हैं, तो आप यह उपाय जरूर आजमाएं, धन्यवाद!

अस्वीकरण- इस लेख में दिए गए मामले पूरी तरह से मीडिया रिपोर्टों, ज्योतिष मान्यताओं और आयुर्वेद सिद्धांतों पर आधारित हैं।

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