दीपावली के उत्सव में पहले दिन धनतेरस का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस त्यौहार को धनतेरस इसलिए कहा जाता है क्योंकि मां लक्ष्मी एवं कुबेर की पूजा की जाती है और इस दिन बर्तन सोना चांदी वाहन अथवा कोई नई वस्तु वस्त्र खरीद कर अपने घर में लाते हैं और उसकी पूजा अर्चना करते हैं।
धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। अर्थात यदि त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ प्रारंभ होती है, तो धनतेरस मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 2 नवंबर मंगालवार को धनतेरस का पर्व मनाया जएगा।
धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर लोग धनिया के बीज खरीद कर भी घर में रखते हैं।