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तमिल ब्राह्मण ने अंग्रेज़ों के ज़माने में वक़ालत छोड़कर ऑटोमोबाइल कंपनी शुरू की थी, आज सफल है

B Editor

हम सबके सपने कुछ ना कुछ बनने या फ़िर कुछ बड़ा करने के होते हैं। यह अक्सर हर लोगों के साथ होता है कि उनके घर वाले उन्हे कुछ बनता देखना चाहते है, चाहे वह फ़िर डाक्टर, आफ़िसर या इंजीनियर क्यो ना बने। लेकिन कुछ का इन सबके अलावा मन कुछ और ही करने का होता है। वह चीज एक अच्छा बिजनेस भी हो सकता है।

आज हम आपको इसी से जुड़ी एक ऐसे ही शख्स जिनका नाम टी वी सुन्दरम अयंगर (T. V. Sundaram lyenger) हैं। के उनके बारे बारे मे बताने जा रहे हैं। जो कि चेन्नई के आटोमोबाइल कम्पनी TVS के मालिक है। आपने इस कम्पनी के बारे मे तो सुना ही होगा।
आज के समय मे यही कम्पनी सबकी पसंद बन चुकी हैं। खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि इस कम्पनी का नेट प्राफ़िट वर्ष 2021 मे 46.78 प्रतिशत यानि 277.60 करोड़ था, जो कि सितम्बर 2022 मे बढ़कर 407.47 करोड़ रुपए हो गया है।

हम सभी देख रहे हैं कि TVS कम्पनी की गाडि़या आज कितनी देखने को मिल रही है। हर कोई इस कम्पनी के प्रोडेक्ट को ही पसंद कर रहे हैं। जिससे यह कम्पनी दिन प्रतिदिन बढोतरी करती जा रही है। आइए आज हम आपको यह TVS कम्पनी कैसे खड़ी हुई व किसने की इसकी शुरुआत। इस बारे मे सारी जानकरी देते हैं।
टी वी अयंगर जी का जीवन परिचय

बता दे कि टी वी एस आयगर का पुरा नाम Thirukkurungudi Vengaram Sundaram lyenger था। जो की तमिलनाडु के थिरुनेल्वेली जिले से बिलान्ग करते हैं। इनका जन्म 22 मार्च 1877 हुआ था। अयंगर ने वकालत की पढ़ाई की थी। जिसके बाद वह वकालत करने लगे।

उनकी दिलचस्बी लेकिन इस वकील के पेशे मे नहीं थी। उनके पिताजी चाहते थे कि वह वकील (Lawyer) बने इस कारण उन्हें वकील बनना पड़ा। वह बताते है कि उनका मन तो बिजनेस करने मे था। इसलिए उन्होने इस वकील की नौकरी से हटकर बिजनेस करने के बारे मे सोचा।

आपको तो पता ही होगा की उनके समय मे तो अंग्रेजो का कितना राज चलता था। जिससे यहा भारत देश मे कुछ भी कर पाना कितना मुश्किल होता था। परंतु टी वी सुन्दरम ने हार ना मानकर 1911 मे टीवी सुन्दरम अयंगर एंड संस की स्थापना की।
गाँव वालो की सुविधा के लिए किए कम्पनी शुरुआत की

बता दे कि अयंगर जी ने जब TVS कम्पनी की स्थापना की थी। तो सबसे पहले उन्होने बस बनाना प्रारंभ किया था। क्योकि वह सोचते थे कि सिटी मे तो बस की सुविधा आसानी से हो जाती है। परंतु गांवो मे यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती हैं।

जिससे उन्होने इन सभी बातो को ध्यान मे रखते हुए गाँवो मे बस सेवा प्रारंभ की। क्योकि टी वी अयंगर अपने परिवार के अलावा गाँव वालो का भी काफ़ी ध्यान रखते थे। इस अच्छे कामो मे उन्हे सफ़लता के साथ साथ उनका TVS ग्रुप भी बन गया।

टी वी एस ने कम्पनी के साथ साथ अन्य कम्पनी भी शुरू की
इस बिजनेस में सफ़ल होते देख उनको मानो ऐसा लगा था कि उनका दिमाग सिर्फ़ बिजनेस के लिए ही बना है। क्योकि कोई भी बड़ी से बड़ी परेशानी वह आसानी से संभाल लेते थे। ऐसा उनको इसलिए लगता था, क्योकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब मद्रास प्रसीडेन्सी मे पेट्रोल की मांग हुई थी।

इसका उपयोग कर अयंगर ने टी वी एस गैस प्लांट को प्रारंभ करने के साथ साथ Sundaram Motor Ltd. और Madras Auto Service Ltd. भी शुरू किया था। इसके अलावा और भी कारखाने खुलवाए जो कि रबर रिट्रेडिन्ग के लिय थे।

अयंगर जी सफ़ल बिजनेसमेन के अलावा समाजसुधाकर भी थे
बता दे कि अयंगर दक्षिण भारत में एक कामयाब बिजनेसमेन के साथ-साथ अच्छे समाज सुधारक भी रहे हैं। क्योकि उन्होने इस काम को अपने घर से ही प्रारंभ किया था। उन्होने अपनी बेटी के पति के गुजर जाने के बाद उनकी विधवा बेटी की दूसरी शादी की थी।

उनके अनुसार यह बिजनेस की सब सलाह उन्हे गाधी जी ने दि थी। आप तो जानते ही है कि अंग्रेजो के समय मे यह सब करना एक मुसिबत को मोल लेना था। लेकिन उन्होने ऐसा कराकर इतिहास बना दिया। जिससे उनके इस काम के बारे में खूब प्रसंशा हुई।

कम्पनी की सफ़लता मे अयंगर जी के बेटों ने दिया पुरा साथ
अयंगर जी की शादी के बारे मे बात करे, तो उनकी शादी लक्ष्मी अम्मल जी से हुई थी। उनके बच्चों की बात करे तो उनके 8 बच्चे है। जो कि अयंगर जी को इस कम्पनी को उँचाई तक पहुँचाने मे उनके बेटों का काफ़ी साथ रहा है।

जिसे देखते हुए उन्होने अपनी कम्पनी की सारी जिम्मेदारी बेटों पर सौप दी थी और बेटो ने भी इस कम्पनी को सफ़ल होते दिखाया। बता दे कि अयंगर जी ने कोडाईनाल मे 78 वर्ष की आयु मे 28 अप्रैल 1955 को दुनिया से चल बसे। हम सभी जानते है कि यह कम्पनी सबको कितनी पसंद आ रही है। जिससे दिन प्रतिदिन TVS ग्रुप सफ़लता की मंजिल पर पहुंच रहा है।

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