शुरू हुआ इस्लामिक कैलेंडर का नया साल, जानिए इतिहास और महत्व

B Editor

इस्लामिक नववर्ष को हिजरी न्यू ईयर के नाम से भी जाना जाता है और इसकी शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है। आप सभी को बता दें कि इस साल इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 29 जुलाई 2022 शुक्रवार के दिन से हो चुकी है। जी हाँ और इस्लामिक न्यू ईयर की तारीख हमेशा एक सी नहीं रहती बल्कि यह हर साल बदलती रहती है।

इस्लामिक हिजरी कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर की तुलना में लगभग 11 दिन छोटा होता है। वहीं इस्लामिक कैंलेंडर में 354 या 355 दिन होते हैं। आपको पता होगा कि मुहर्रम को इस्लामिक साल का पहला महीना माना जाता है जो रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना होता है।

इतिहास और महत्व- जी दरअसल इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 622 AD में हुई थी जब पैगंबर मोहम्मद और उनके साथियों को मक्का छोड़कर मदीना जाने के लिए मजबूर किया गया था। कहा जाता है पैगंबर और उनके साथियों को मक्का में इस्लाम के संदेश का प्रचार-प्रसार करने से भी रोका गया था।

वहीं हजरत मोहम्मद जब मक्का से निकलकर मदीना में बस गए तो इसे हिजरत कहा गया और इसी से हिज्र बना और जिस दिन वो मक्का से मदीना आए, उसी दिन से हिजरी कैलेंडर शुरू हुआ।

जी दरअसल इस्लाम धर्म के अनुसार, मुहर्रम के महीने को शोक या मातम का महीना कहा जाता है। इसी के साथ इस महीने की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा कहते हैं। कहा जाता है इस दिन को मुहर्रम के महीने का सबसे अहम दिन माना जाता है और इस बार मुहर्रम 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसी के साथ इस दिन ताजिया निकाले जाते हैं और उन्हें कर्बला में दफन किया जाता है।

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