ये है भारत के सबसे बड़े स्वतंत्रता सैनानी लाला लाजपत राय के पुश्तैनी घर की हालत, कभी भी टूट सकता है

लाला लाजपत राय का नाम भला कौन नहीं जानता. जिनके ऊपर पड़ी हर एक लाठी को अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत की आखिरी कील माना गया. लाला लाजपत राय देश के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. देश की आजादी के लिए लड़ते हुए उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान तक दे दिया.ऐसे में उनसे जुड़ी हर एक चीज हमारे लिए धरोहर है.
बहुत बुरी है लाला जी के पुश्तैनी मकान की दशा
पंजाब से संबंध रखने वाले लाला लाजपत राय का पुश्तैनी घर यहां के जगरांव में मोहल्ला मिसरपुरा में स्थित है. इस बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी का पुश्तैनी घर देश के लिए किसी बड़ी धरोहर से कम नहीं. ऐसे में इस घर का रखरखाव विशेष रूप से होना चाहिए मगर दुर्भाग्य है कि आज ये धरोहर बदहाल हो चुकी है. इस घर की दुर्दशा देख आप समझ जाएंगे कि महान बलिदानी की विरासत को किस तरह से रखा गया है.
My story on Lala Lajpat Rai's ancestral home needing more care and maintenance… @AAPPunjab @TOIChandigarh pic.twitter.com/XJLM1FzLYh
— Shariq Majeed (@shariqmajeed75) September 12, 2022
पिता ने बनवाया था ये घर
यहां के लोग बचपन में लाला लाजपत राय को प्यार से लाला जी बुलाते थे. इसी पुश्तैनी घर में खेलते-कूदते हुए उनका बचपन बीता और यहीं से उन्होंने खुद का जीवन देश के नाम करने का संकल्प लिया. जो घर लाला जी की इतनी यादों को सहेजे है उसकी ये दशा दयनीय है. बता दें कि लाला लाजपत राय के पिता ने यह घर 1845 में बनवाया था.
मरम्मत की है जरूरत
28 फरवरी 1865 को अपने नाना के घर दुधिके गांव में जन्में लाला लाजपत राय ने अपना बचपन मोहल्ला मिसरपुरा में अपने पैतृक घर में बिताया था. टाइम्स ऑफ इंडिया के शारिक मजीद की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ समय पूर्व लाला जी के घर और पुस्तकालय की मरम्मत शुरू हुई थी लेकिन उसे रोक दिया गया. घर के कई हिस्सों में कई स्थानों पर, विशेष रूप से दीवारों पर पैच भरे हैं. मुख्य द्वार पर लाल सीमेंट लगा है लेकिन नम दीवारों पर दरारें साफ झलकती हैं.
#Ludhiana: #LalaLajpatRai's house faces blows of time and neglect
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— The Times Of India (@timesofindia) September 12, 2022
बिस्तर और मेज पर लाला जी की एक कुर्सी, एक दीवार घड़ी और कुछ बर्तन पड़े थे. दीवारों से पेंट के छिलने से पुस्तकालय भी अस्त-व्यस्त स्थिति में था. लाइब्रेरी में काम करने वाले एक शख्स ने इस संबंध में बताए कि करीब दो महीने पहले पुश्तैनी इमारत की मरम्मत का काम शुरू हुआ था, लेकिन करीब 15 दिन पहले इसे बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि पैच वर्क किया गया, दीवारें नम थीं और दरवाजे के अंतराल में लगाया गया सीमेंट कच्चा था.
यहां काम करने वाले एक वर्कर ने कहा कि लाइब्रेरी की जैसी स्थिति है, उस हिसाब से इसे फिर से बनाने की जरूरत है. लाइब्रेरी में कई जगहों पर डिस्टेंपर निकल आया है. दीवारों का सीमेंट दिखाई दे रहा है. वहीं लाइब्रेरी और मुख्य भवन के अंदर से दुर्गंध आती है.