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अपनी प्रतिभा और बहादुरी से इतिहास रचने वाले वो 10 भारतीय जिन्हें हम आज भूल चुके हैं

B Editor

4- भारत की पहली महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट
आर. शिवाभोगम (R. Sivabhogam) भारत की पहली महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में जाती हैं. महात्मा गांधी की विचारधाराओं से प्रभावित शिवाभोगम साधारण जीवन जीने में विश्वास करती थीं. इसलिए वो केवल खादी पहनती और बस से यात्रा करती थीं. शिवाभोगम ने ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के दौरान विदेशी सामानों का बहिष्कार भी किया था. जब वो जेल में थीं, तब उन्होंने ग्रेजुएट डिप्लोमा इन अकाउंटेंसी (जीडीए) की परीक्षा दी और बाद में भारत की पहली महिला ऑडिटर बनीं.

5- क्‍वॉन्‍टम फ़िजिक्‍स की खोज करने वाले
सत्‍येंद्र नाथ बोस (Satyendra Nath Bose) को सन 1920 के दशक में क्‍वॉन्‍टम फिजिक्‍स (Quantum Physics) में किए गए उनके शोध के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. सत्‍येंद्र नाथ बोस भारत के एक ऐसे महान वैज्ञानिक थे जिनकी Quantum Theory के मुरीद मशहूर वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्‍टाइन भी हो गए थे. बावजूद इसके बोस की काबिलियत के अनुरूप भारत में उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो हक़दार थे. यहां तक कि उनके लिखे शोध पत्रों को देश की किसी भी पत्रिका ने जगह तक नहीं दी.

6- महिलाओं को सशक्त बनाने वाली रानी
त्रिवेंद्रम में कॉलेज जाने वाली लड़कियों को चाय के लिए महल में शामिल होने के लिए कहने से लेकर महिलाओं को उच्च सरकारी पदों पर मनोनीत करने तक रानी सेतु लक्ष्मी बाई महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जानी जाती हैं. अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने राज्य की महिलाओं के लिए कई कार्य किए और उन्हें प्रोत्साहित भी किया. उन्होंने ही पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं को उच्च पदों तक पहुंचने के लिए एक मजबूत नींव रखी थी.

7- टाटा की विरासत को पूरी दुनिया में फ़ैलाना
जमशेदपुर शहर का नाम रतन टाटा (Ratan Tata) के पूर्वज जमशेदजी नसरवानजी टाटा के नाम पर रखा गया था. जमशेदजी ने इस शहर को स्टील प्लांट के निर्माण के रूप में चुना था और सन 1919 में लॉर्ड चेम्सफ़ोर्ड द्वारा इसे ये नाम दिया गया था. आज रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपने पूर्वजों की इस विरासत को केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में मशहूर बना दिया है.

8- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को मशहूर बनाने वाले
उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ान का जन्म 1902 में ब्रिटिश भारत के तत्कालीन पंजाब प्रांत के कसूर (अब पकिस्ताब) में हुआ था. बड़े गुलाम अली ख़ान ‘पटियाला घराने’ के भारतीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक थे. उन्होंने 5 साल की उम्र में अपने चाचा काले ख़ान से और बाद में अपने पिता से संगीत और गायन का प्रशिक्षण लिया था. बड़े गुलाम अली ख़ान के 3 छोटे भाई थे जिनका नाम बरकत अली ख़ान, मुबारक अली ख़ान और अमानत अली ख़ान था.

सुनीति चौधरी (Suniti Choudhury) को भारत की सबसे कम उम्र की महिला क्रांतिकारी के रूप में जाना जाता है. बंगाल के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी सुनीति अक्सर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नेताओं से प्रभावित थीं. इसलिए जब वो केवल 14 साल की थीं उन्होंने एक अत्याचारी भारतीय-ब्रिटिश मजिस्ट्रेट को गोली मारने का खतरनाक और जोखिम भरे काम को अंजाम दिया था. इसके लिए उन्हें 7 साल जेल की सजा हुई थी. जेल से रिहा होने के बाद सुनीति चौधरी ‘कलकत्ता मेडिकल कॉलेज’ चली गईं जहां से उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की.

10- भारतीय संगीत के इतिहास के सबसे महान सिंगर
भारतीय संगीत को दुनियाभर में मशहूर करने का श्रेय इन तीनों महारथियों मोहम्मद रफ़ी, मन्ना डे और किशोर कुमार को ही जाता है. साल 1982 में रफ़ी, मन्ना डे और किशोर ने ‘चलती का नाम ज़िंदगी’ फ़िल्म के ‘बंद मुठी लाख की खुली तो प्यारे खाक की’ गाने की रिकॉर्डिंग साथ की थी. मोहम्मद रफ़ी को भारतीय संगीत में सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक माना जाता है. इंटरनेशनल लेवल पर मशहूर मन्ना डे भारतीय पार्श्व गायक, संगीत निर्देशक और संगीतकार थे. जबकि किशोर कुमार भारतीय संगीत के इतिहास के सबसे महान सिंगर और एक्टर के तौर पर मशहूर हैं.

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