दीवाली की रात गलती से भी इन 5 जगहों पर दिया जलाना न भूले, वरना माँ लक्ष्मी हो जाएगी नाराज

दीवाली की रात गलती से भी इन 5 जगहों पर दिया जलाना न भूले, वरना माँ लक्ष्मी हो जाएगी नाराज

दीपावली कार्तिक मास की अमास तिथि को मनाई जाती है। दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। दिवाली को दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, लक्ष्मीजी इस रात में दीपों से सजाकर टहलने जाती हैं और अपने भक्तों के साथ खुशियां बांटती हैं। यह पर्व पांच दिनों तक चलता है। इसलिए यह धनतेरस से शुरू होकर भाईबीज पर समाप्त होती है। दिवाली का त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

दिवाली क्यों मनाई जाती है: दिवाली से जुड़ी सबसे लोकप्रिय राजा रामजी की है। श्रीराम अपनी पत्नी सीता के हिरण रावण को हराकर और 13 साल के वनवास से गुजर कर अयोध्या लौट आए। रामजी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने पूरे अयोध्या शहर और अपने घरों को दीपों से जगमगा दिया। इस दिन दिवाली यानी रोशनी का त्योहार मनाया जाता है।

इन पांच जगहों पर जरूर जलाएं दीया: कहते हैं दीपावली के दिन मां लक्ष्मी धरती पर घूमने निकल जाती हैं और इस दिन जिस व्यक्ति के घर में माताजी का वास होता है, उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है. उन लोगों पर लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, इसीलिए इस दिन लोग अपने घरों को चारे से सजाते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह नहीं पता होता है कि घर में दीपक कहां जलाएं। लक्ष्मी शीघ्र ही किसी विशेष स्थान पर दीप जलाने से प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानते हैं दिवाली के दिन कहां जलाना चाहिए दीपक।

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