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पिता ने चाहा की बेटी आईएएस ऑफर बने, बिटिया ने मात्र 5000 से बिज़नेस शुरू कर करोड़ों का व्यापार बना दिया

B Editor

देश की बेटियों में आज इतना आत्मविश्वास है, की वे जो चाहें वह काम करने के सक्षम है। बहुत सी बेटियां और महिलाये आज आत्मनिर्भर बन चुकी है। आज की हमारी कहानी एक ऐसी ही बेटी की है, जिसने अपने मन की सुनी और अपने फैशन को ही अपना करियर बना लिया और करोड़ो की कंपनी कड़ी कर दी।
पूजा चौधरी का जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा (Bhilwara) में हुआ।

उन्होंने अपनी योग्यता और पॉजिटिव सोच की दम पर करोड़ों रुपए का कारोबार करने वाली फेमस कंपनी ‘लावण्या द लेबल’ (Lavanya The Label) बना कर एक मिसाल कायम की है। पूजा का मंद शुरी से भी क्रिएटिव सोच वाला रहा है। ऐसा कहा जाता है की घर के कामकाजों में उनका मन नहीं लगा करता था। वे हमेशा अपने बाहर के कामों में बिजी रहती थी।

पूजा को बचपन से ही क्रिएटिव काम पसंद थे। उन्हें किसी तरह का टारगेट पसंद नहीं था। वे अपने काम पूरा समय लेकर एकदम सटीक करना पसंद करती थी। उन्हें कुछ तो करना था, पर क्या और कब, यह नहीं समझ आ रहा था। उन्हें इस बात का पता लगाने के लिए बहुत खोज बीन करनी पड़ी और बहुत घूमना भी पड़ा।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री से शुभ संकेत मिले
कुछ काम करके छोड़ने के बाद उन्हें टेक्सटाइल इंडस्ट्री (Textile Industry) में कुछ शुभ और अच्छे संकेत मिले। अब वे इसी कपड़ा इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना चाहती थी। आपको बता दें की पूजा चौधरी की प्रारंभिक पढ़ाई राजस्थान के भीलवाड़ा से ही हुई थी।

फिर बाद की शिक्षा उन्होंने पिलानी में स्थित एक बोर्डिंग स्कूल से की थी। यहां पर रहकर उन्होंने लक्ष्मणगढ़ से BBA की पढाई पूरी की। फिर वे MBA की बधाई करने के लिए जापान चली गई और वहीँ अपनी उच्च सुक्षा ग्रहण की।

जयपुर में मिली अपनी मंजिल
अपनी पढाई पूरी करके जापान से वापस भारत आने के बाद उन्होंने एक कंपनी में मार्केटिंग फील्ड में जॉब भी की। यहाँ उन्हें संतुष्टि नहीं मिली, तो पिता के साथ बिज़नेस में लग गई। उनके पिता चाहते थे कि बेटी सिविल सर्विस की तयारी करके यूपीएससी एग्जाम क्लियर करे और आईएएस अधिकारी बने। इसी सोच के चलते उन्होंने UPSC की तैयारी करने के लिए पूजा को जयपुर रवाना किया।

पूजा ने एक अख़बार को बताया की जयपुर में रहकर उन्होंने बहुत कुछ सीखा, यही सीख उनकी लाइफ में बदलाव लाइ। उन्होंने जयपुर की कपड़ा इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई और फैब्रिक के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। पूजा को पहले से ही अच्छे कपड़ो का शौक था। बस उन्होंने जयपुर से अपने काम का शुभारम्भ कर दिया। वे अपने जीवन में केवल हाउसवाइफ बनकर नहीं रहना चाहती थी।

वे (Pooja Choudhary) इतना पढ़ने-लिखने के बाद घर पर नहीं बैठना चाहती थी। उन्होंने जयपुर मार्किट से कपड़ा लिया और स्टिचिंग डिजाइन लेकर भीलवाड़ा चली गई। उन्होंने साल 2018 में ‘लावण्या द लेबल’ (Lavanya The Label) नाम की वेबसाइट बनाकर एक मशीन और एक कारीगर के साथ अपना बिजनेस शुरू कर दिया।

उनके पिता ने भीलवाड़ा वापस बुला लिया। यहाँ उन्हें अपना काम करना दिक्कत का काम हो गया। जयपुर के कपड़ा कारीगर भीलवाड़ा नहीं आ सकते थे। ऐस में उन्होंने बंगाल से कारीगर बुलवाये। कुछ समय काम करने के बाद पूजा की कंपनी का सालाना टर्नओवर करीब 15 करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत मात्र 5 हजार रुपए से की थी

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