इस प्रकार पीपल के पेड़ की 108 फेरे करने से भाग्य परिवर्तन होता है, दरिद्रता दूर होती है।

हिंदू धर्म में कई पेड़ों को बहुत पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। ऐसा करने से विशेष लाभ होता है। पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना बहुत जरूरी है और उस पेड़ की परिक्रमा करने से मनचाही चीज की प्राप्ति होती है। परिक्रमा का अर्थ है वृक्ष के चारों ओर घूमना। शास्त्रों में परिक्रमा को परिक्रमा भी कहा गया है और इसे इसकी पूजा का अंग भी माना गया है। पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से कई फायदे मिलते हैं। अत: इस वृक्ष की परिक्रमा अवश्य करें। ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ के 108 चक्र करने से मानसिक कार्य पूरे होते हैं। तो आज हम पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने के फायदे के बारे में बताएंगे।
शरीर रहता है स्वस्थ
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। शास्त्रों के अनुसार इस पेड़ की छाया में खड़े होने से शरीर को ताजी हवा और भरपूर ऑक्सीजन मिलती है, इसलिए इस पेड़ के चारों ओर घूमने वालों को सांस की कई समस्याएं और खांसी की समस्या नहीं होती है।
देवताओं की कृपा बनी रहती है