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भारत की पहेली महिला रेसलर, सलवार-कमीज पहनकर रिंग में उतरी और दिग्गजों को धूल चटाई

B Editor

जिंदर महल और द ग्रेट खली के बाद, हमारे पास एक भारतीय महिला है जिसनेवर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (WWE)में भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश का नाम रौशन किया. हम यहां कविता दलाल उर्फ रेसलर कविता देवी की बात कर रहे हैं, जोकि डब्ल्यूडब्ल्यूई में कुश्ती करने वाली पहली भारतीय महिला पेशेवर पहलवान हैं.

कविता हरियाणा के जींद जिले से आती हैं. छोटी उम्र से ही वो प्रतिभावान थी. कविता के भाई गौरव ने इसको समझा और पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें वेटलिफ्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया. साल 2009 में आम लड़कियों की तरह कविता की शादी कर दी गई. 2010 में मां बनने के बाद उन्होंने खेल के मैदान से लगभग दूरी बना ली थी.

ऐसे में उनके पति ने उन्हें समझाया और मैदान पर वापसी के लिए प्रेरित किया.कविता के मेहनत रंग लाई और एक लंबा संघर्ष करने के बाद उन्होंने कामयाबी हासिल की. साल 2017 में उन्होंने डब्लूडब्लूई एनएस्सटी को ज्वाइन किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखी.

एक एक्टिव रेसलर के रूप में उन्होंने लगातार अपने परिवार और देश का नाम रौशन किया. उन्होंने खुद को न सिर्फ भारत से आने वाली पहली महिला प्रो रेसलर के रूप में स्थापित किया. बल्कि भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पावरलिफ्टिंग एथलीट भी बनीं. उनके नाम दक्षिण एशियाई खेलों में 75 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक दर्ज है. कविता लगातार चार बार सीनियर नेशनल चैंपियन, और नेशनल गेम्स में चैंपियन भी रह चुकी हैं.

‘द ग्रेट’खली को गुरू मानने वाली कविता की एक पहचान ये भी है कि वो सलवार-कमीज में रिंग में उतरती हैं. दरअसल, वो समाज को यह संदेश देना चाहती हैं कि भारतीय नारी किसी से कमजोर नहीं हैं. कविता अपने खेल के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों ‘फर्स्ट लेडी’ सम्मान से सम्मानित की जा चुकी हैं.

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