fbpx

रामायण में एक ऐसी चपाती का जिक्र है जिसे अगर नहाने के बाद 5 बार बोला जाए तो आपकी कोई इच्छा नहीं बचेगी।

आज हम आपको रामायण के उन चार अध्यायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको नहाने के बाद पांच बार पढ़ना चाहिए।बस इन चार किताबों को पांच बार पढ़ने से आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।हिंदू धर्म में रामायण या रामचरित मानस के बारे में तो आप जानते ही होंगे।

रामायण हमारे जीवन को सही दिशा दिखाती है।जीवन के हर पल में रामायण हमें आदर्श और धर्म के अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा देती है।यह जीवन जीने के मूल मंत्रों के बारे में बताता है।
विज्ञापन

आज हम आपको रामायण के उन चार अध्यायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें नहाने के बाद बोलने से आपकी किस्मत चमकेगी और आपको कई फायदे मिलेंगे।तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में इन चारों के बारे में बताते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रामायण हमारे आदर्श भगवान श्रीराम की जीवन गाथा पर लिखी गई है।जीवन की सच्चाई को रामायण में दिखाया गया है।वहीं इसका अध्ययन करने वालों को हमेशा सफलता मिलती है और उनका जीवन खुशियों से भर जाता है।रामायण में रामकथा का विस्तृत वर्णन है और हमारे ज्योतिषी कहते हैं कि रामायण के कुछ चार अध्याय हैं, जिनके जाप से मन की हर मनोकामना पूरी होती है और भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।

जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए हम लोग घर पर ही रामायण का पाठ करते हैं, जिससे हमारे गृह परिवार में श्री रामजी की विशेष कृपा होती है।आज हम आपको रामायण की एक ऐसी चपाती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका आपको नहाने के बाद जाप करना है।इस चपाती का जाप जीवन में हमेशा शुभ रहेगा और आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।

जो प्रभु दीनदयाला कहावा। आरति हरन बेद जस गाबा।।

जपहि नामु जन आरत भारी।मिटहि कुसंकट होंहि सुखारि।।

दीनदयाल बिरद संभारी।हरहु नाथ मम संकट भारी।।

यदि आप प्रतिदिन स्नान करके उपरोक्त चार अध्यायों का पाठ करें और अपने इष्ट या श्री राम का ध्यान करें, तो वह समय दूर नहीं जब सफलता आपके चरणों में होगी।आप इतने सफल होंगे कि आने वाले समय में घर में खुशियां बनी रहे और आपके घर में सभी लोग हमेशा खुश रहें।आप अपने मन में जो चाहोगे वो आपको जरूर मिलेगा।अगर आप कोई अच्छा काम करने जा रहे हैं तो उस दिन भी आपको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।

Leave a Comment