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11 साल के यशवर्धन सिविल परीक्षा की कोचिंग देते हैं, इन्हे यंगेस्ट हिस्टोरियन का अवॉर्ड भी मिला है

B Editor

यूपीएससी (UPSC) एक ऐसी परीक्षा है, जो हमारे देश में सबसे कठिन मानी जाती है। जिसको हर स्‍टूडेंट नहीं पास कर सकता। इसे सबसे कठिन परीक्षा होने का खिताब हमारे देश में लोगो द्वारा दिया गया है। इसे कठिन परीक्षा लोगो द्वारा इसिलए मानी जाती है, क्‍योंकि इसकी तेयारी हमारे देश में हर साल लाखो करोड़ो छात्र छात्राएं करते है।

उनमें से केवल कुछ ही ऐसे परिश्रमी या फिर कहे की भाग्‍यशाली स्‍टूडेंट होते है, जो इसे निकाल पाने मे सफलता प्राप्‍त कर पाते है। जब स्‍टूडेंट इसे पास करते है तो अपनी रैंक तथा अपनी पसंद के हिसाब से आईएएस, आईपीएस या फिर आईएफएस बनते है।
कठिन परीक्षा होने के कारण इसकी तैयारी करने वाला हर छात्र महंगी से महंगी कोचिंग जॉइन करता है। हमारे देश में वैसे ऐसे बहुत से कोचिंग संस्‍थान भी है, जो यूपीएससी की तैयारी कराते है।

यूपी का 11 वर्ष का छात्र कराता है स्‍टूडेंट्स को यूपीएससी की तैयारी
अक्‍सर ही आप देखते है कि यूपीएससी की तैयारी करवाने वाले जो भी टीचर होते है वह हाई एजूकेटेड होते है। उनकी क्‍वालिफिकेशन काफी अच्‍छी होती है, साथ में उनका एक्‍सपीरियंस भी कई सालो का होता है।

आज हम आपको कानपुर शहर के एक ऐसे बच्‍चे के बारे में बताने वाले है, जो कि ग्‍यारह वर्ष का एक स्‍टूडेंट है। लेकिन उसका नॉलेज इतना अधिक है कि आज वह यूपीएससी सिविल एक्‍जाम (Civil Service Exam) की तैयारी स्‍टूडेंट को करवाता है। यह बात जानकर आप बहुत ही हैरान हो गये होंगे, लेकिन यह बात पूरी तरह सच है।

यशवर्धन अभी सातवी कक्षा है छात्र, काफी समय से स्‍टूडेंट को करा रहे है यूपीएससी की तेयारी
यूपी के कानपुर (Kanpur) में रहने वाले जिस ग्‍यारह साल के छात्र की हम बात कर रहे है, उसका पूरा नाम यशवर्धन सिंह है। वह अभी कक्षा सातवी में है। इतनी कम उम्र में बच्‍चो को अपने पाठ्यपुस्‍तक का ज्ञान तक सही ढंग से नही होता है। लेकिन इस बच्‍चे के ज्ञान की कोई सीमा नही है।

इसके ज्ञान का अंदाजा अगर आप लगाना ही चाहते है, तो इस बात से लगा सकते है कि वह 11 साल का होकर भी यूपीएससी की तैयारी करने वाले बड़े बड़े छात्रो को इस परीक्षा की प्रेपेरेशन करवाता है। इस कार्य को यशवर्धन (Yashvardhan) आज से ही नहीं कर रहा, बल्‍कि वह काफी टाइम से इस काम को कर रहा है।

बेटे की प्रतिभा से पिता अंशुमन सिंह है काफी प्रसन्‍न
जब यशवर्धन के ज्ञान के स्‍तर को यूपी के ही स्‍कूल विभाग ने देखा तो उन्‍होंने यशवर्धन को नवमी कक्षा में प्रोन्‍न्‍त कर दिया। जी हॉं अब यशवर्धन 11 वर्ष की उम्र में कक्षा नवमी की पढ़ाई करेगा।

यशवर्धन के पिता का नाम अंशुमन सिंह है। अपने बच्‍चे के ज्ञान के स्‍तर तथा उसकी कामयाबी के बारे में वह कहते है कि उनके बेटे के अंदर बचपन से ही यह अनोखा टेलेंट है। उसके ज्ञान का स्‍तर बहुत अधिक है।

आज वह अपनी प्रतिभा के चलते ही आगे बढ़ा है। जिसे देखकर मुझे अत्‍यंत खुशी का अनुभव होता है। वह कहते है कि यह बात मेंरे लिये बहुत बड़ी है कि मेरा बेटा 11 वर्ष का होकर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तेयारी अपने से दुगुने तिगुने उम्र के स्‍टूडेंट को करवाता है।

इतनी कम उम्र में हासिल कर चुके है युवा इतिहासकार का अवॉर्ड, यशवर्धन का आईक्‍यू है 129
अगर यशवर्धन की प्रतिभा की बात करे, तो उसकी प्रतिभा उसके टेलेंट के बारे में केवल भारत में ही नहीं विदेश मे भी लोगो को जानकारी है। उनकी प्रतिभा को देखकर ही हावर्ड यूनिवर्सिटी के द्वारा यशवर्धन को इस दुनिया का सबसे युवा इतिहासकार का अवॉर्ड प्रदान किया गया है।

इस अवॉर्ड के साथ साथ यशवर्धन को उसके नाम का पोस्‍टल स्‍टैंप भी दिया गया है। यशवर्धन की प्रतिभा उसके ज्ञान के स्‍तर की सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी तारीफ कर चुके है। वह भी उनके कायल है। अगर आईक्‍यू लेवल की बात हम करे तो यशवर्धन का आईक्‍यू काफी अधिक है। यशवर्धन का आईक्‍यू 129 है।

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